भारत पाकिस्तान के ताजा युद्ध के दौरान आपको याद होगा कि कैसे पाकिस्तान की फौज, नेताओं, मीडिया सबने हंगामा शुरु कर दिया था कि पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम ने भारत के सुपर फायटर राफेल को निशाना बना लिया है। हालांकि इसपर उस समय तो किसी ने भरोसा नहीं किया। लेकिन बाद में पता चला कि यह खबर सच थी। यानी कि पाकिस्तान ने भारतीय विमान को निशाना बनाने में सफलता हासिल कर ली थी।
लेकिन यह राफेल नहीं बल्कि राफेल जैसा दिखने वाला एक डमी विमान था, जिसे राफेल जैसा शेप दिया गया था। यह भारत का एक पायलट विहीन लक्ष्य विमान था, जिसे दूर से कंट्रोल करके उड़ाया जाता है। पाकिस्तानियों को बेवकूफ बनाने के लिए बिना पायलट वाले लक्ष्य विमान की थोड़ी डिजाइनिंग की गई थी और इसे राफेल जैसा लुक दिया गया था। लेकिन असली राफेल और डमी राफेल में जमीन आसमान का फर्क था। किंतु अहमक पाकिस्तानियों को लक्ष्य और राफेल का फर्क समझ में नहीं आया और उन्होंने इसे निशाना बनाने के बाद जश्न मनाना शुरु कर दिया। क्योंकि उन्हें लग रहा था कि उन्होंने असली राफेल को मार गिराया है।
भारत ने लक्ष्य जैसे कई डमी लक्ष्य विमान पाकिस्तान की तरफ भेजे थे। जिन्होंने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को एंगेज कर लिया। जिसके बाद असली राफेल विमानों ने कार्रवाई शुरु की और एक झटके में पाकिस्तान के 11 एयर बेस को निशाना बना लिया। यह हमला इतना घातक था कि पाकिस्तान अब भी उसके झटके से उबर नहीं पाया है।
बिना पायलट वाले लक्ष्य विमान का विकास भी भारत के अग्रणी डिफेंस रिसर्च एंड डिवेसपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानी डीआरडीओ ने किया है। जिनपर डमी विमानों को टेस्ट किया जाता है। हालांकि लक्ष्य विमानों को निशाना बनाना इतना आसान भी नहीं है। क्योंकि इन्हें ऑटो पायलट मिसाइलों के टेस्ट के लिए विकसित किया गया है। इसीलिए यह टेढ़ा मेढ़ा उड़ने और कलाबाजी खाने में माहिर हैं। जिससे कि यह अपने पीछे आ रही मिसाइलों को चकमा दे सकें। लेकिन लक्ष्य की इन्हीं कलाबाजियों को देखकर पाकिस्तानी इन डमी विमानों को असली राफेल समझ बैठे। तो यह था पाकिस्तानियों की मूर्खता का एक जबरदस्त नमूना।
भारत पाकिस्तान युद्ध से जुड़ी दूसरी बड़ी खबर यह है- भारतीय सेना ने खुलासा किया है कि यह युद्ध बेहद घातक साबित हो सकता था। क्योंकि पाकिस्तान ने भारत को चोट पहुंचान के लिए अपनी शाहीन बैलेस्टिक मिसाइलों को प्रयोग किया था। जिन्हें बड़ी मुश्किल से इंटरसेप्ट करके रोका गया था।
हालांकि इस बात का कोई सबूत सामने नहीं आया है क्योंकि शाहीन मिसाइल का कोई मलबा भारतीय क्षेत्र में नहीं मिला है। इसकी वजह है बैलिस्टिक मिसाइलों की टेक्नोलॉजी- दरअसल बैलिस्टिक मिसाइलें दागे जाने के बाद पहले अंतरिक्ष में जाती हैं, जिसे बूस्ट फेज कहते हैं।
पृथ्वी के वातावरण के निकलने के बाद यह अपने टारगेट पर निशाना लगाती हैं, जिसे मिड कोर्स कहते हैं।
जिसके बाद पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का प्रयोग करते हुए यह मिसाइलें पूरी तेजी से अपने टारगेट पर गिरती हैं, इसे टर्मिनल फेज कहते हैं। इस दौरान बैलिस्टिक मिसाइलों की स्पीड अपनी अधिकतम सीमा पर पहुंच जाती है और भयंकर तबाही मचाती हैं। पाकिस्तानी शाहीन भी ऐसा करने वाली थी। लेकिन भारत के एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने इसे पहले फेज में ही नष्ट कर दिया और इसका मलबा अंतरिक्ष में बिखरकर रह गया।
खबर है कि यह शाहीन मिसाइल पाकिस्तान के नूरखान एयरबेस से हमारे देश के खिलाफ लांच की गई थी। यही वजह है कि भारत ने सटीक निशाना लगाकर पूरे नूरखान एयरबेस को ही तबाह कर दिया। जिससे कोई और पाकिस्तानी मिसाइल भारत की तरफ हमला ना कर सके। ये है हमारे देश की ताकत और लक्ष्य पर केन्द्र करके उसे पूरी तरह नष्ट करने की अजेय क्षमता।
जय हिंद- जय भारत
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